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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column: Finding Faults Is Also The Biggest Fault In The Eyes Of God
3 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
प्रबंधन की दुनिया में टीम वर्क का महत्व भी है और इस पर बहुत बोला जाता है। अब इसी को अध्यात्म की दृष्टि से देखें। हमारे सभी अवतारों ने जब-जब अपना अवतार कार्य आरंभ किया, दूसरों की भी मदद ली और सामूहिक कर्म में भी उनका विश्वास था, इसे ही टीम वर्क कहते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, टीम-दल अपने आप में जीवित व्यक्ति जैसा है। सफलता पर सदैव टीम को प्रथम मानें और टीम लीडर के रूप में खुद को दूसरे क्रम पर रखें। असफलता पर कारण खुद में खोजें पहले और बाद में टीम में खोजें। समझदार नेतृत्व ऐसा ही करता है।
अब पांच साल के लिए अपने-अपने क्षेत्र में नए कर्णधार आ गए। कई क्षेत्रों का नेतृत्व इनके पास रहेगा। और इनमें से कुछ लोग वही गलती करेंगे।दल से अपने आपको ऊपर मानेंगे। और जो टीम को, दल को, राष्ट्र को प्रथम मानेंगे, स्वयं को द्वितीय मानकर सेवा करेंगे, वही सच्चे जननेता होंगे।
धर्म हमें यही सिखाता है कि प्रत्येक के भीतर जो आत्मा है, उसको महसूस करो। उसका सम्मान करो। और जो भी कुछ अच्छा दूसरे से मिल सकता है उसको स्वीकार करो। दोष ढूंढना भी ईश्वर की दृष्टि में सबसे बड़ा दोष है।