Panchayat’s Bhushan, aka Banrakas faced rejection and struggle alot | दो बार डिप्रेशन में रहे ‘पंचायत’ के ‘बनराकस’: बोले-‘कास्टिंग डायरेक्टर के पैरों में गिरकर मांगे रोल, सॉफ्ट पोर्न फिल्मों में काम किया’

Admin@KhabarAbhiTakLive
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13 घंटे पहले

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वेब सीरीज ‘पंचायत’ का सीजन 3 इन दिनों सुर्खियों में है। सीरीज में दुर्गेश कुमार ने भूषण यानी बनराकस की भूमिका निभाई है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। एक इंटरव्यू में दुर्गेश ने फिल्मी दुनिया में अपनी स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए बताया कि वो दो बार डिप्रेशन में रह चुके हैं और फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें कामयाबी इतनी आसानी से नहीं मिली है।

दुर्गेश नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पासआउट हैं।

दुर्गेश नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पासआउट हैं।

11 साल में दो बार डिप्रेशन में रहे दुर्गेश

एक इंटरव्यू में दुर्गेश कुमार ने कहा, ‘मैं 11 साल में दो बार डिप्रेशन में रहा हूं। ईमानदारी से कहूं तो अगर आप मेंटली और इकोनॉमिकली हेल्दी नहीं हैं तो आपको एक्टिंग फील्ड में नहीं आना चाहिए। यह ट्राय करने लायक जगह नहीं है। यहां क्रेजी लोग भरे हुए हैं। पंकज त्रिपाठी और मनोज बाजपेयी मेरे सीनियर रहे हैं। सिर्फ पंकज त्रिपाठी के बैच में 20 लोग थे, सभी बेहद टैलेंटेड थे लेकिन क्या आपने पंकज के अलावा किसी और को देखा? नवाजुद्दीन सिद्दीकी के बैच में 30 लोग थे लेकिन नवाज के अलावा सिर्फ निर्मल दास ही थे जिन्हें सरफरोश में रोल मिला। वो बाद में पागल हो गए और चल बसे। कोई इस बारे में नहीं जानता। यहां स्ट्रगल दिखती है आपको? यहां मेंटली बहुत मजबूत होना पड़ता है। अगर आप मेंटली मजबूत नहीं हैं तो प्लीज बॉम्बे मत आइए।’

कास्टिंग डायरेक्टर के पैरों में गिरकर मांगे रोल

दुर्गेश ने अपनी स्ट्रगल जर्नी के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे वो दरभंगा, बिहार से मुंबई आए थे। उन्होंने कहा, ‘जब मैं 28 मई 2016 को दूसरी बार मुंबई आया तो मध्य प्रदेश ड्रामा स्कूल के कुछ स्टूडेंट्स मेरे दोस्त बन गए। हम किसी भी तरह फिल्म इंडस्ट्री में घुसना चाहते थे। हमने आराम नगर को अपना अड्डा बनाया। हमने हर कास्टिंग डायरेक्टर के दरवाजे खटखटाए, मैं उनके पैरों में गिरकर उनसे कोई रोल मांगता था। ये स्थिति तब थी जब मैं ‘हाईवे’, ‘फ्रीकी अली’ और ‘सुल्तान’ जैसी फिल्में कर चुका था।’

वेबसीरीज 'पंचायत' के एक सीन में दुर्गेश।

वेबसीरीज ‘पंचायत’ के एक सीन में दुर्गेश।

मेरे दोस्त मुझे लोगों के पैरों में गिरकर काम मांगने के लिए गालियां देते थे। मैं कहता था, किसी भी कीमत पर मुझे इसे क्रैक करना है। इस तरह का स्ट्रगल और डेडिकेशन आपको इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए चाहिए। मुझे बहुत ही एम्बेरेसिंग लगता था कि फिल्मों में काम करने के बावजूद मैं किसी भी ऑडिशन में पहुंच जाया करता था क्योंकि कास्टिंग डायरेक्टर्स मुझे जानते थे। ‘पंचायत’ के पहले सीजन में मुझे केवल एक दिन काम करने का मौका मिला। मेरा शूट ढाई घंटे में पूरा हो गया था। मैं चंदन कुमार और दीपक कुमार मिश्रा का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने बनराकस का रोल लिखा।

फिल्म 'हाईवे' में रणदीप हुड्डा के साथ दुर्गेश कुमार।

फिल्म ‘हाईवे’ में रणदीप हुड्डा के साथ दुर्गेश कुमार।

सॉफ्ट पोर्न फिल्मों में काम करना पड़ा

दुर्गेश ने बताया कि वो 2013 में पहली बार मुंबई आए थे। इसके बाद उन्होंने कई ऑडिशन दिए लेकिन कास्टिंग डायरेक्टर्स उन्हें कहते थे कि उनमें टैलेंट है लेकिन ऑडिशन में बात नहीं बन रही। इसके बाद उन्हें इम्तियाज अली की फिल्म हाईवे में काम करने का मौका मिला लेकिन इसके बाद भी जब उन्हें काम नहीं मिला तो उन्हें गुजारा करने के लिए सॉफ्ट पोर्न फिल्में तक करनी पड़ीं। दुर्गेश बोले, ‘मैं एक्टिंग के बिना नहीं रह सकता था। मैंने कई तरह के काम कर लिए क्योंकि मुझे पता था कि मेरे अंदर कितनी संभावना है।’

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