

इमरान खान
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार नवाज शरीफ और उनकी पार्टी पर हमलावर हैं। वह तंज कसने का एक भी मौका नहीं है। वहीं अब उन्होंने शनिवार को पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा को पनामा पेपर्स मामले में पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ को जिम्मेदार ठहराने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
नवाज शरीफ बाजवा को माफ नहीं कर रहे
एक स्थानीय चैनल के साथ साक्षात्कार करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने दावा किया कि जनरल बजाज ने दो ब्रिगेडियर भेजे थे, जिन्होंने साबित किया कि नवाज सरफ पनामा मामले में शामिल थे। इमरान खान ने कहा कि इसका कारण यह है कि नवाज शरीफ बाजवा को माफ नहीं किए जा रहे हैं।
नवाज शरीफ की मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर किया गया
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और सभी एजेंसियां मीडिया और उनके सरकार के सदस्यों को बता रहे हैं कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेता भ्रष्ट हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों ने सीधे लोगों को हम पर थोपा है। रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ को देश में लौटने की इजाजत क्यों दी गई, इस सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की मेडिकल रिपोर्ट में हेराफेरी की गई है।
जनरल कमर जावेद बाजवा के व्यवहार में आया बदलाव
उनके खिलाफ तोशखाना मामले पर बोलते हुए पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने कहा कि सरकार और ऑपरेटरों ने बिना किसी कारण के मामले को बड़ा बना दिया। इमरान खान ने शनिवार को दावा किया कि 2019 में सेना प्रमुख के रूप में विस्तार दिए जाने के बाद जनरल कमर जावेद बाजवा के व्यवहार में बदलाव आया है। आगे कहा कि जनरल बजाज साझेदारी के बाद बदले गए और सरफराज के साथ समझौता किया। उन्होंने उस समय उन्हें राष्ट्रीय सुलह मानकर देने का फैसला किया था।
पिछले साल अप्रैल में छोड़ी गई थी कुरसी
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने यह भी दावा किया कि जनरल (रिटायर्ड) बजाज ने अपनी सरकार को गिराने के लिए हुसैन हक्कानी को संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में काम पर रखा था। उन्होंने कहा कि हक्कानी उनकी जानकारी के बिना विदेश कार्यालय के माध्यम से कार्यालय में शामिल हुए। इमरान खान ने दावा किया कि पूर्व राजनयिक अमेरिका में उनके खिलाफ पैरवी शुरू कर दी और जनरल (सेवानिवृत्त) बाजवा को बढ़ावा दिया। बता दें कि इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पाक पीएम की कुर्सी से हटा दिया गया था।